यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो:

पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप


सूरज के साथ गप्प लगाना

सूरज मामा


आग बबूला होकर क्यों फिरते हो?


किसे देख इतना जलते हो


क्यों तुम हर पल आग उगलते हो?


क्यों है तुम में गुस्सा इतना


ऐसे हमको मत देखो


जानता हूं मैं


खुद जलकर दूसरो को जीवन तुम देते हो।


पर इतना जलना भी क्या कि


जीवन मरण बन जाए


अब थोड़ा पिघलो भी मामा


यह तपन जरा कम हो जाए।


सड़क के साथ गप्पें लगाना


अरी ओ सड़क रानी


कहाँ है तुम्हारा घर नानी


कहाँ से शुरू होती हो?


और मुड़कर, घूमकर फिर


कहाँ चली जाती हो?


कहीं तुम रूकती नहीं हो


बस चलती ही जाती है


क्या तुम कभी थकती नहीं हो?


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